दशहरा
दशहरा और विजयदशमी की आप सबों को हार्दिक शुभकामना. एक प्रबुद्ध व्यक्ति ने सन्देश प्रेषित किया कि रावण के व्यक्तित्व में कई सकारात्मक अवयव भी हैं जिन पर प्रायः चर्चा नहीं हो पाती. निश्चय ही यह सत्य है परंतु ऐसा तो हर मामले में होता है. व्यक्ति गुण-दोषों का पुंज है परंतु उसकी ख्याति अथवा कुख्याति इस बात पर निर्भर है कि उसका कौन सा पक्ष प्रभावी है. यह मान बैठना कि नायक में सिर्फ और सिर्फ सदगुण हों और खलनायक केवल दुर्गुणों की खान हो , तर्कसंगत नहीं होगा. हमारे आज के समाज में भी रॉबिन हुड जैसे कई चरित्र हैं जो पुष्पित-पल्लवित हो रहे हैं. लोकतंत्र के राष्ट्रीय और प्रादेशिक मंदिरों में अनेकानेक ऐसे माननीय हैं जिनके विरुद्ध संगीन मामले लंबित हैं परंतु लोक में अपनी प्रसिद्धि और प्रस्तुति के दम पर वे उन नियमों की पुनर्व्याख्या कर सकने की स्थिति में हैं जिनकी बदौलत वे दागी साबित हुए......... खैर समय आत्मावलोकन करने का है.......मैं अपने अंतस के कलुष, कटुता और दर्प का शमन आज कर सकूं तो दशहरा की सार्थकता मेरे लिए बनी रहेगी.
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