मीडिया की नैतिकता

भारतीय मीडिया और विशेषकर हिन्दी मीडिया नैतिकता के तकाजों से कोसों दूर रहकर चलनेवाली पथभ्रष्ट दुकान है। सनसनीखेज़ और चटकारेदार खब़रों को कामुकता की चासनी में लपेट कर परोसना ही इनका ध्येय है। हमारे दैनिक जीवन की आपाधापी, माफ़िया, वसूली करते पुलिसकर्मी व टीटीई, निज़ी प्रेक्टिस करते सरकारी शिक्षक व डॉक्टर, सड़क पर फैले बदबूदार कचरे पर खेलते बच्चे , ज़हरीली गैसों और द्रवों का उत्सर्जन करते उद्योग , दवा और दूध में मिलावट करते व्यवसायी हमारी मीडिया के कैमरों की पकड़ में आते ही नहीं। ब्रेकिंग न्यूज़ बनने की योग्यता शायद इन खब़रों में है ही नहीं!    

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